रिश्तों को शब्दों का ,मोहताज ना बनाइये । अगर अपना कोई खामोश है तो,खुद ही आवाज लगाइये ।।
वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।
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