खुशबु
हमेशा फूलों की तरह,अपनी आदत से बेबस रहिये.।
तोडने वाले को भी,खुशबू की सजा देते रहिये।।
हमेशा फूलों की तरह,अपनी आदत से बेबस रहिये.।
तोडने वाले को भी,खुशबू की सजा देते रहिये।।
वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।
कोई टिप्पणी नहीं