बाते

बातें झोकों के साथ हवा मे जल्द फैल जाती है।

जरा संभल के बोलना, लौटती है तो रुप बदल के आती है ।।

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याद

वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।

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