होठों पे मुस्कान थी कंधो पे बस्ता था।
सुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था।।
वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।
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