जिक्र
कभी तुम पूछ लेना, कभी हम भी ज़िक्र कर लेगें.।
छुपाकर दिल के दर्द को,एक दूसरे की फ़िक्र कर लेंगे।।
कभी तुम पूछ लेना, कभी हम भी ज़िक्र कर लेगें.।
छुपाकर दिल के दर्द को,एक दूसरे की फ़िक्र कर लेंगे।।
वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।
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