यार

करें किसका यक़ीन यहाँ सब अदाकार ही तो हैं,।
गिला भी करें तो किससे करें सब अपने यार ही तो हैं।।

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याद

वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।

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