मुलाकात

मुलाक़ात उससे भी करना,फुरसत मैं किसी दिन.।
देख कर आईने मैं जिसे,हर रोज़ गुजर जाते हो ।।

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याद

वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।

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