याद

भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूब कर।

इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे खयालों जैसी ।।

कोई टिप्पणी नहीं

याद

वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।

Blogger द्वारा संचालित.