याद
भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूब कर।
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे खयालों जैसी ।।
भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूब कर।
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे खयालों जैसी ।।
वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।
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