इश्क

इश्क वो है,जब मैं शाम होने पर मिलने का वादा करूँ।

और वो दिन भर,सुरज के होने का अफसोस करे।।

कोई टिप्पणी नहीं

याद

वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।

Blogger द्वारा संचालित.