इश्क
इश्क वो है,जब मैं शाम होने पर मिलने का वादा करूँ।
और वो दिन भर,सुरज के होने का अफसोस करे।।
इश्क वो है,जब मैं शाम होने पर मिलने का वादा करूँ।
और वो दिन भर,सुरज के होने का अफसोस करे।।
वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।
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