हालात
सब हमसे शिकायत करते हैं,
क़ि हम पत्थर होते जा रहे हैं।
कोई इन हालातों से भी तो पूछो,
जो बद से बदतर होते जा रहे हैं ।।
सब हमसे शिकायत करते हैं,
क़ि हम पत्थर होते जा रहे हैं।
कोई इन हालातों से भी तो पूछो,
जो बद से बदतर होते जा रहे हैं ।।
वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।
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