यूँ ही नहीं आती,खूबसूरती रंगोली में । अलग-अलग रंगो को,एक" होना पड़ता है। ।
वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।
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