गलतफहमी
गलतफहमी से बढ़कर दोस्ती का दुश्मन नहीं कोई।
परिंदों को उड़ाना हो तो बस शाख़ें हिला दीजिए।।
गलतफहमी से बढ़कर दोस्ती का दुश्मन नहीं कोई।
परिंदों को उड़ाना हो तो बस शाख़ें हिला दीजिए।।
वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।
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