तजुर्बा
उम्र छोटी है तो क्या,
ज़िंदगी का हर एक मंज़र देखा है।
फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं
बगल में खंजर देखा है।।
उम्र छोटी है तो क्या,
ज़िंदगी का हर एक मंज़र देखा है।
फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं
बगल में खंजर देखा है।।
वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।
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