मंजर

उम्र छोटी है तो क्या, ज़िंदगी का हर एक मंज़र देखा है।
फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं,बगल में खंजर देखा है।।

कोई टिप्पणी नहीं

याद

वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।

Blogger द्वारा संचालित.