उम्र

उम्र की दहलीज पर, जब सांझ की आहट होती है।

तब ख्वाहिशें थम जाती हैं ,और सुकून की तलाश बढ़ जाती हे।।

कोई टिप्पणी नहीं

याद

वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।

Blogger द्वारा संचालित.