उम्र
उम्र की दहलीज पर, जब सांझ की आहट होती है।
तब ख्वाहिशें थम जाती हैं ,और सुकून की तलाश बढ़ जाती हे।।
उम्र की दहलीज पर, जब सांझ की आहट होती है।
तब ख्वाहिशें थम जाती हैं ,और सुकून की तलाश बढ़ जाती हे।।
वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।
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