चलो चाँद का,किरदार अपना लें.। दाग़ अपने पास रखें,और रौशनी फैला दें।।
वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।
कोई टिप्पणी नहीं