#आहत
खटखटाते रहिए दरवाजा,एक दूसरे के मन का।
मुलाकातें ना सही,आहटें आती रहनी चाहिए.।।
खटखटाते रहिए दरवाजा,एक दूसरे के मन का।
मुलाकातें ना सही,आहटें आती रहनी चाहिए.।।
वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।
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