बचपन

बचपन कि ख्वाहिशें ,
आज भी खत लिखती हैं मुझे.
शायद बेखबर इस बात से है की,
वो ज़िंदगी अब, इस पते पर नही रहती..।।

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याद

वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।

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