नुक्स

मरम्मतें खुद की रोज़ करते  है,फिर भी ना जाने क्यों।

रोज़ हमारे अंदर एक नुक्स निकल ही आता है।।

कोई टिप्पणी नहीं

याद

वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।

Blogger द्वारा संचालित.