अपनापन
भेजते रहिए अपनेपन के रंग एक दूसरे तक।
मुलाक़ात हो या न हो अपनेपन का अहसास होता रहे ।।
भेजते रहिए अपनेपन के रंग एक दूसरे तक।
मुलाक़ात हो या न हो अपनेपन का अहसास होता रहे ।।
वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।
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