शामिल

शामिल तू मेरी हर एक कहानी में है.....।                                   
कभी लबों की मुस्कुराहट में कबी आखो के पानी मे।।

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याद

वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।

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