तालुकात

करता नही है कोई कद्र यहाँ किसी के अहसासों की ।

हर किसी को फिक्र है बस मतलब के ताल्लुक़ातो की  ।।

कोई टिप्पणी नहीं

याद

वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।

Blogger द्वारा संचालित.