छोड दिया

       थोडा थक गया हूँ ,
      दूर निकलना छोड दिया है
      . . . पर ऐसा नहीं है की ,
     मैंने चलना छोड दिया है ।।

     फासले अक्सर रिश्तों में ,
      . . . दूरी बढ़ा देते हैं।
     पर ऐसा नही है की ,
    मैंने अपनों से मिलना छोड दिया है ।।

   हाँ . . ज़रा अकेला हूँ ,
   दुनिया की भीड में।
   पर ऐसा नही की ,
  मैंने अपनापन छोड दिया है ।।

   याद करता हूँ अपनों को,
   परवाह भी है मन में।
   बस , कितना करता हूँ
   ये बताना छोड दिया।।
          

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याद

वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।

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