ख्वाब मंजिल के मत दिखाओ मुझको। तुम कहाँ तक साथ निभाओगे ये बताओ मुझको !!।
वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।
कोई टिप्पणी नहीं