तमन्ना
तमन्ना सर बुलंदी की हमें भी तंग करती है ,
मगर हम दूसरों को रौंद कर ऊँचे नहीं उठते।।
तमन्ना सर बुलंदी की हमें भी तंग करती है ,
मगर हम दूसरों को रौंद कर ऊँचे नहीं उठते।।
वो कह कर चले गये की "कल" से भूल जाना हमे..। हमने भी सदियों से "आज" को रोके रखा है..।।
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